जहा एक और नोटबंदी को भ्रष्टाचार के खिलाफ बड़ी जंग कहकर आम जनता को काम दाम छोड़ बैंक ,एटीम के सामने खड़ा किया गया वही दूसरी और नए नोटों की बड़े पैमाने पर लुट होती रही | नोटबंदी के १० -२० दिन के बाद भी लोग नए नोटों का दर्शन नहीं कर पा रहे थे तो दूसरी और भाजपा के नेतओंको कही न कही नए नोटों की बड़ी राकम के साथ पकड़ा जा रहा था | उनके पास इतना पैसा कहा से आया ? पुलिस के इस सवालों का भी जवाब उनके पास नहीं था | भाजप की सरकार होने से उन भाजपाई नेतओं के भ्रष्टाचार पर बड़ी आसानी से परदा डाला गया |
अब फिर से एक झोल का बड़ा मामला सामने आया है, नोटबंदी के दौरान गुजरात में भाजपा ने कोपरेटिव बांको द्वारा करोडो रुपये बदलवाए |
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